नई दिल्ली। बजट के दिन भारी गिरावट के बाद मंगलवार को शेयर बाजार में निवेशकों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। चीन में करॉना वायरस के खौफ के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट तथा मजबूत वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार ने बजट के दिन हुए नुकसान की भरपाई एक ही दिन में कर डाली। बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 917.07 अंक (2.30 प्रतिशत) उछलकर 40,789.38 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई का निफ्टी 271.75 अंकों (2.32 प्रतिशत) की तेजी के साथ 11,979.65 पर बंद हुआ। बजट के दिन निवेशकों को 3.46 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
आइए जानते हैं कि बजट के दिन हतोत्साहित बाजार में ऐसा क्या हुआ कि दो दिन बाद ही इसमें रौनक लौट गई। बजट के दिन निवेशकों को उम्मीद थी कि कंपनियों के लिए काफी राहत वाली घोषणाएं की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। पूरा बजट मध्य वर्ग पर केंद्रित रहा था। इसलिए उम्मीदों के अनुरूप बजट नहीं होने के कारण शनिवार को बाजार में बिकवाली का जोर रहा। लेकिन मंगलवार को इसका ठीक उलटा हुआ और सेंसेक्स 900 अंक तक चढ़ गया। इससे पहले सोमवार को भी बाजार हरे निशान पर बंद हुआ था।
निवेशकों का ध्यान अब आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों की कमाई की तरफ शिफ्ट हुआ है। इसके अलावा, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक का इंतजार है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और रुपये की मजबूती ने भी बाजार को बल दिया है। हालांकि चीन में करॉना वायस का खौफ बरकरार है और आगे चलकर बाजार में अस्थिरता देखी जा सकती है। बीते कुछ दिनों में अर्थव्यवस्था के आंकड़ों के साथ-साथ कंपनियों की कमाई में सुधार हुआ है, जो इस बात का संकेत दे रहे हैं कि देश की इकॉनमी धीरे-धीरे सुस्ती से उबर रही है।
करॉना वायरस के खौफ के कारण चीन द्वारा मांग में गिरावट आने से सोमवार को कच्चा तेल वायदा की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। मांग में इस गिरावट की वजह से ओपेक तथा उसके सहयोगियों को आपूर्ति में कटौती करनी पड़ी है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 3.8 फीसदी की गिरावट के साथ प्रति बैरल 54.45 डॉलर पर पहुंच गई, जो पिछले साल जनवरी के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। हालांकि, मंगलवार को कीमतों में थोड़ा सुधार हुआ।
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे मजबूत हुआ, जिसका शेयर बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा। मजबूत रुपये से वस्तुओं का आयात सस्ता होगा।