एजेंसी,नई दिल्ली।
हितों के टकराव के कारण भारत अंडर-19 कोच पद के लिए नजरअंदाज किए गए विक्रम राठौड़ ने अब राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बल्लेबाजी सलाहकार पद के लिए आवेदन किया है। इस पद के लिए जिस अन्य पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ने आवेदन किया है, वह हृषिकेश कानितकर हैं जिनकी अगुवाई में राजस्थान दो बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बना था।
राठौड़ का नाम इससे पहले अंडर-19 बल्लेबाजी कोच पद के लिए सामने आया था, लेकिन उनके रिश्तेदार आशीष चौधरी के जूनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता होने के कारण उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। पता चला है कि राठौड़ और कानितकर उन चार उम्मीद्वारों में शामिल हैं जिन्होंने एनसीए पद के लिए आवेदन किया है।
बीसीसीआई के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने हालांकि सवाल उठाया है कि कुछ साल पहले तक राष्ट्रीय चयनकर्ता रहे राठौड़ बार बार क्यों आवेदन कर रहे हैं जबकि हितों के टकराव का मसला बना हुआ है। जब तक कपूर जूनियर राष्ट्रीय चयनकर्ता रहेंगे तब तक लोढ़ा आयोग की सिफारिशों के अनुसार राठौड़ हितों के टकराव के दायरे में रहेंगे।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ''महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम ने सीओए (प्रशासकों की समिति) को अंधेरे में रखा और इस पद के लिए उनके नाम की सिफारिश करने से पहले पर्याप्त अध्ययन नहीं किया गया। पता चला है फिर से राठौड़ का नाम सामने आया है तथा एक वरिष्ठ अधिकारी राठौड़ की नियुक्ति का रास्ता साफ करने के लिए लगातार राहुल द्रविड़ के नाम का हवाला दे रहा था। अभी द्रविड़ ने लिखित में नहीं दिया है कि उन्होंने इस पद के लिए राठौड़ के नाम की सिफारिश की है।
सीओए के करीबी सूत्रों ने हालांकि पुष्टि की कि राठौड़ के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन अभी किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया। एक और अन्य मसला यह है कि पंजाब के इस पूर्व बल्लेबाज के पास भारतीय पासपोर्ट नहीं है जबकि उनके नाम की सिफारिश करने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि अगर आस्ट्रेलिया के पैट्रिक फरहार्ट फिजियो रह सकते हैं तो राठौड़ बल्लेबाजी सलाहकार क्यों नहीं बन सकता।
विक्रम राठौड़ ने अपने करियर में छह टेस्ट और सात वनडे खेले थे। दूसरी तरफ कानितकर ने 31 वनडे खेले थे। वह घरेलू स्तर पर तमिलनाडु टीम के कोच रह चुके हैं, जिसने 2018 में विजय हजारे ट्रॉफी जीती थी।