नोएडा और ग्रेटर नोएडा मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सोमवार को नोएडा में बैठक आयोजित की गई। इसमें नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसमें सुरक्षा हेतु मानक के अनुसार सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती, संख्या बल, तकनीकी विशेषताएं, कॉरीडोर से निर्माणाधीन सामग्री की चोरी आदि को रोकने के लिए चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पाडा, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास विभाग व नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन रमा रमण, पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश जावीद अहमद, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशात कुमार, नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक अग्रवाल के अलावा सुरक्षा से जुड़े दर्जन भर अधिकारी मौजूद रहे। 50-50 के अनुपात में बंटेगा व्यय : मेट्रो की सुरक्षा में तैनात होने वाली सुरक्षाबलों की आधारभूत सुविधाओं पर होने वाले व्यय का वहन प्रदेश सरकार, नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा 50-50 के अनुपात में वहन किया जाएगा। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था पर होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। नोएडा मेट्रो में तैनात होने वाले सुरक्षाबलों के वेतन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी औद्योगिक विकास विभाग उत्तर प्रदेश अपने बजट में करेगा। सुरक्षा को लेकर होगा थर्ड पार्टी ऑडिट : नोएडा मेट्रो में सुरक्षा को लेकर तीसरी पार्टी से ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में लगे सीआइएसएफ, पीएसी व स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं शासन द्वारा नामित पीएसी व पुलिस अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा। ऐसा इसलिए कि शहर में निर्माणाधीन मेट्रो कई स्थानों पर डीएमआरसी के कॉरिडोर को जोड़ेगी। ऐसे में थर्ड पार्टी से ऑडिट कराना बेहद जरूरी है। निर्माणाधीन साइट पर रुकेगी चोरी : मेट्रो कारिडोर के निर्माण स्थल और वायाडक्ट पर होने वाली चोरी आदि की घटनाओं के संबंध में पुलिस महानिदेशक ने पुलिस महानिरीक्षक, मेरठ जोन को निर्देशित किया है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं कि चोरी पर अंकुश लग सके। वहीं अब तक जो भी चोरी हुई हैं, उन सभी की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुरक्षा के लिए लगाए जाए अत्याधुनिक उपकरण : बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली एनसीआर की संवेदनशीलता को देखते हुए इस कॉरिडोर की सुरक्षा काफी अहम है। लिहाजा कॉरिडोर को आधुनिक कैमरों, सीसीटीवी और बेहतर साफ्टवेयर से लैस किया जाएगा।