तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर कई घंटे तक हाई-वोल्टेज ड्रामा चला। यूपी सरकार द्वारा आंदोलन खत्म कराने के आदेश के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत प्रदर्शन जारी रखने पर अड़े रहे। टिकैत ने भावुक होते हुए कहा कि वे आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। टिकैत ने बताया कि शुक्रवार सुबह से बड़ी संख्या में किसान धरनास्थल पर जुटना शुरू होंगे। इस सिलसिले में मुजफ्फरनगर में शुक्रवार सुबह पंचायत भी बुलाई गई है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से देर रात में किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है। गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद खाली हो रहे किसानों आंदोलन में देर रात फिर से लोगों की भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हो गई।
पत्रकारों से बात करते हुए रो पड़े टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पत्रकारों से बातचीत करते हुए रो पड़े। भावुक होते हुए टिकैत ने कहा, ''यहां अत्याचार हो रहा है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ये कानून वापस होंगे। यदि ये कानून वापस नहीं हुए तो राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा।'' उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को मारने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी के विधायक यहां 300 लोगों के साथ लाठी डंडे लेकर आए हैं। इससे पहले, टिकैत ने सरेंडर करने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे सरेंडर नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा जिसने भी लाल किले पर तिरंगे के अलावा झंडा फहराया था, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट से कमेटी के गठन की भी मांग की।
किसान आंदोलन को कई नेताओं का मिला साथ
लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों को एक बार फिर से कांग्रेस, आरएलडी समेत कई दलों के नेताओं का समर्थन मिला। टिकैत के रोते हुए वीडियो को देखने के बाद आरएलडी मुखिया चौधरी अजित सिंह भी साथ आ गए। उन्होंने टिकैत और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से बात की। रात में करीब पौने आठ बजे के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी। जयंत चौधरी ने कहा कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है। यह संदेश चौधरी साहब ने दिया है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार शाम ट्विटर पर कहा कि यह साइड चुनने का साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।
'गांवों से किसान जो पानी लाएंगे, वही पीऊंगा'
बीकेयू नेताओं के आह्वान पर गुरुवार रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई किसान विरोध स्थल पर पहुंच गए। लगातार किसानों का धरनास्थल पर पहुंचना जारी है। इस बीच राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि मैं अब पानी नहीं पीऊंगा। मैं केवल वही पानी पीऊंगा जो गांवों से किसानों द्वारा लाया गया है। रात साढ़े 10 बजे के करीब डॉक्टरों की एक टीम टिकैत के स्वास्थ्य की जांच के लिए विरोध स्थल पर पहुंची। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी और सैकड़ों सुरक्षाकर्मी देर रात यूपी गेट पर फ्लाईओवर के नीचे से गुजरने वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और लिंक रोड पर थे।
किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दर्ज एफआईआर में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही अपनी जांच तेज करते हुए पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने किसान नेताओं को तीन दिनों का समय देते हुए यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। सूत्रों ने कहा कि दोषियों का पता लगाने के लिए लगभग नौ टीमों का गठन किया गया है। हाल ही में दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने कहा था कि हिंसा में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। श्रीवास्तव ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की