खादी मेरी शान है कर्म ही मेरी पूजा है सच्चा मेरा करम है और हिंदुस्तान मेरी जान है
जिस दिन से एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चलने लगेगी उस दिन से हम कह सकेंगे कि भारत में स्वतंत्रता हासिल कर ली है यह शब्द थे महात्मा गांधी जी के। लेकिन अफसोस गांधी जी का भारत अभी तक इतना स्वतंत्र नहीं हो सका कि वहां लड़कियां रात में तो क्या दिन में भी स्वतंत्रता से घूम सके। आज गांधी जी की 151 वी जयंती पर पूरा देश उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख राजनैतिक नेता थे महात्मा गांधी उन्होंने हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलने की सलाह दी और भारत को आजादी दिला कर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकार एवं स्वतंत्रता के प्रति आंदोलन के लिए प्रेरित किया जिसने उनका नाम मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी यानी की महान आत्मा पड़ा।
हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी का जन्मदिन गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। गांधी जी के जीवन के बारे में बात करें तो सबसे पहले गांधी जी ने प्रवासी वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों के नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए सत्याग्रह करना शुरू किया। फिर 1915 में उनकी भारत वापसी हुई उसके बाद उन्होंने यहां के किसानों मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमिका और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एकजुट किया। 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देश भर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण व आत्मनिर्भरता के लिए अस्पृश्यता के विरोध में अनेक कार्यक्रम चलाएं। फिर भारत को ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों से बचाने के लिए नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई आंदोलन किए गए। खास बात यह थी कि सभी परिस्थितियों में गांधी जी ने अहिंसा और सत्य का पालन किया