कश्मीर, अयोध्या, कट्टरता और पुलवामा...जब छलका पीएम मोदी का दर्द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें राष्ट्रीय एकता के अग्रदूत भी बताया। इसके बाद मोदी पीएम मोदी ने केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण कर परेड की सलामी दी। जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने सरदार पटेल के योगदान, कोरोना, कट्टरता, पुलवामा से लेकर कश्मीर के मसले तक का जिक्र किया।
पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान के संसद में इमरान के मंत्री के कबूलनामें के बाद पीएम मोदी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसका जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि "जब हमारे देश के जवान शहीद हुए थे, उस वक्त भी कुछ लोग राजनीति में लगे हुए थे। ऐसे लोगों को देश भूल नहीं सकता है।"
पीएम मोदी ने कहा कि वह उस वक्त के सारे आरोपों को झेलते रहे। भद्दी भद्दी बातें सुनते रहे। मेरे दिल पर गहरा घाव था। लेकिन पिछले दिनों पड़ोसी देश से जिस तरह से खबर आई है। जो उन्होंने स्वीकार किया है इससे इन दलों का चेहरा उजागर हो गया।
इस दौरान पीएम मोदी ने फ्रांस कार्टून विवाद को भी उठाया और कहा कि "आज के माहौल में दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी बंधुओं को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है। शांति, भाईचारा और परस्पर आदर का भाव भी मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद हिंसा से कभी भी किसी का कल्याण नहीं हो सकता।"
इस मौके पर अयोध्या में राम मंदिर का भी जिक्र किया गया पीएम मोदी ने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदार पटेल ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है। देश राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साक्षी बना है और भव्य राम मंदिर को बनते भी देख रहा है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत की भूमि पर नजर गडाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर जवानों में है। आज भारत सीमाओं पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी सड़के, दर्जनों ब्रिज, अनेक सुरंगे बना रहा है। अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए आज भारत पूरी तरह तैयार है। कश्मीर के विकास में जो बाधाएं आ रही थी उन्हें पीछे छोड़कर अब कश्मीर विकास के नए मार्ग पर बढ़ चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की दुहाई देते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देश विरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।