पराली जलाने वालों के विरूद्ध दिए गए निर्देश, होगी ये कार्रवाही
मण्डलायुक्त संजय कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि पराली जलाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाही करें। उन्होंने कहा कि मानव जीवन से किसी को भी खिलावड़ करने की अनुमति नहीं दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मण्डल के तीनो जनपदों में 29 पराली जलाने की घटनाए हुई है। जिसमें सर्वाधिक 16 सहारनपुर जनपद में हुई है। जिसके मद्देनजर पराली जलाने वाले किसानों को जागरूक कर पराली जलाने से होने वाले नुकसान तथा भूमि की उर्वरक क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी जाने के निर्देश दिए।
आपको बता दें संजय कुमार आज अपने कैम्प कार्यालय में पराली जलाने वालों के विरूद्ध की गयी कार्रवाही की समीक्षा कर रहे थे। जहा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धान की पराली को गौशालों में भेजा जाए। साथ ही मण्डल के सभी ग्रामों प्रधानों को भी जागरूक करने तथा गांवों मे पाराली जलाने से रोकेने में अपनी अहम भूमिका निभाने की बात कही।
इसके अलावा स्ंयुक्त कृषि निदेशक डी.सी. राजपूत ने बताया कि जनपद में 01 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2020 तक मण्डल में 29 स्थानों पर फसल अवशेष जलाये जाने की घटना प्रकाश में आई है। जिनमें से सहारनपुर में 16, शामली में 10 तथा मुजफ्फरनगर में 3 घटनाएं हुई है। उन्होंने बताया कि सहारनुपर में धान की पराली हाथ/रीपर से कटाई की 5 स्थानों पर, 10 स्थानों पर काम्बाईन हार्वेस्टर से तथा सहारनपुर व शामली में एक-एक स्थान से गन्ने की पराली जलाने तथा मुजफ्फरनगर व शामली में एक-एक स्थान पर कूडा जलाने की घटना सामने आई है। व इस अवधि में पराली जलाने से मण्डल की 27 ग्राम पंचायतें प्रभावित हुई है, जिसमें सहारनपुर कीे 15, शामली कीे 9 तथा मुजफ्फरनगर की 3 ग्राम पंचायत प्रभावित हुई है।
डी.सी. राजपूत ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं के लिए दोषी 25 अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा 9 ग्राम प्रधान व अन्य के विरूद्ध कार्रवाही की गयी है। कार्रवाही के दौरान 29 किसानों के विरूद्ध भी कार्रवाही करते हुए 82 हजार रूपए के अर्थदण्ड के नोटिस जारी किये गये है तथा 11 के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि 114.60 कुन्तल पराली निराश्रित गोशालाओं को भेजी गयी है। साथ ही एक कम्बाईन हार्वेस्टर जब्त की गयी है।