चीन पर भारत का एक और वार, देखिए अब क्या हुआ भारत से बाहर
चीन को बाजारों से बाहर करेगी भारत सरकार
भारतीय शिपिंग कारोबार में चीन की शक्तियों को ध्वस्त करने की दिशा में शिंपिंग मिनिस्ट्री ने एक 3 सूत्रीय फैसला लिया है। फैसले से एक और चीन के जहाज भारतीय कार्गो बाजार से बाहर हो जाएंगे वहीं दूसरी ओर देशी शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री का तेज विकास सुनिश्चित होगा। यह फैसला मेक इन इंडिया के अंतर्गत लिया गया एक बड़ा फैसला है।
बता दे इससे पहले भी भारत सरकार ने चीन में निर्मित अनेक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया है। हाल ही में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए शिपिंग मिनिस्ट्री ने फैसला लिया कि अब कोयला और क्रूड ऑयल आदि सभी कार्गो ठेकों को देने में भारत में बने हुए शिप को प्राथमिकता दी जाएगी। यानी कि जो ठेकेदार माल को भारत में बनी शिप से ले जाएगा। उसे ठेका देने में प्राथमिकता दी जाएगी।
साथ ही भारत में शिप बिल्डिंग करने वाले उद्यमियों को सरकार ने 20 फ़ीसदी सब्सिडी देने का ऐलान भी किया है। यानी अगर कोई जहाज 200 करोड़ का बनता है तो सरकार योगदान सब्सिडी के तौर पर 40 करोड़ का होगा और जहाज मालिक हो सिर्फ 160 करोड़ का पड़ेगा।
बता दे यह बदलाव 'आत्मनिर्भर भारत' के अंतर्गत 'आत्मनिर्भर शिपिंग मिशन' के अंतर्गत किए गए हैं। इससे पहले आजादी से पहले ही सिर्फ भारतीय कंपनियों को ठेकों में प्राथमिकता दी जाती थी। अभी समंदर के कार्गो कारोबार में चीन के साथ नार्वे, जापान, कोरिया, ताइवान जैसे देशों की बड़ी हिस्सेदारी रही है। जिसमें माल को विदेशों से आयात करना या विदेशों को निर्यात करने में विदेश में बने पानी के जहाजों का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन अब नई पॉलिसी के तहत सिर्फ ऐसे कारोबारियों को प्राथमिकता मिलेगी जो भारत में बने शिप्स का इस्तेमाल करेंगे। जिस से चीन को एक बड़ा झटका लगने वाला है। इसके साथ ही सरकार के इस फैसले से समंदर में भारत के बने शिप्स का बोलबाला होगा। जो अभी सिर्फ 1 फ़ीसदी है।