कृषि बिल के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के गुर्जरों का आंदोलन शुरू
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने आरक्षण की मांग को लेकर 1 नवंबर से आंदोलन करने की चेतावनी दी थी जिसे लेकर उन्होंने सरकार को रेल और सड़क जाम करने की बात भी कही। इस मुद्दे को लेकर बीते गुरुवार यानी कि 29 अक्टूबर को मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक हुई बैठक में राज्य सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के तीन प्रमुख मांगों को मानने का फैसला लिया। हालांकि राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच शनिवार को जयपुर में चली 6 घंटे की बातचीत में सहमति बन गई और रविवार से शुरू होने वाला गुर्जर आंदोलन स्थगित हो गया।
चलिए आपको बताते हैं कि क्या है गुर्जर समाज की 6 मांगे, गुर्जर समाज चाहता है कि समझौता और मेनिफेस्टो में वादे के मुताबिक बैकलॉग की भर्तियां निकाली जाए, भर्तियों में पूरा 5% आरक्षण मिले, आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी और मुआवजा मिले, आरक्षण विधेयक को नवी अनुसूची में डाला जाए, एमबीसी कोटे से भर्ती 1252 कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल मिले और देवनारायण योजना में विकास योजनाओं के लिए बजट दिया जाए जिनमें से राज्य सरकार ने तीन मांगों को मान लिया है।राज्य सरकार की बैठक में तय हुआ कि गुर्जर आंदोलन के दौरान मारे गए 3 लोगों को पाच पाच लाख और घर वालों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। सरकारी नौकरियों में बैकलॉग में भी गुर्जर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
इसके साथ ही गुर्जर आंदोलन के समय 2011 में जो समझौता हुआ था उसकी पालना की जाएगी और 2018 में जो विशेष पिछड़ा वर्ग के भर्तियों के पद शेष रह गए हैं उन पर भी गुर्जरों को आंदोलन दिया जाएगा इसके अलावा गुर्जर आंदोलनकारी नेताओं पर मुकदमे वापस लेने के लिए भी सरकार कोर्ट में पहल करेगी, 5 फ़ीसदी गुर्जर आरक्षण को किसी कोटे में चुनौती नहीं दी जा सके इसके लिए राजस्थान सरकार गुर्जर आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र सरकार से कहेगी। साथ ही देवनारायण योजना की समीक्षा की जाएगी और योजना के तहत कॉलेज और खेल मैदान बनाए जाएंगे।
राजस्थान में मोस्ट बैकवर्ड क्लास (MBC) में बैकलॉग की भर्तियों समेत अन्य मांगों के लिए गुर्जरों (Gurjar agitation) ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। भरतपुर के बयाना में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुट के लोग पीलूपुरा के पास रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए। सुबह से उनका धरना जारी है। इस बीच सरकार ने 6 जिलों में आज आधी रात तक इंटरनेट बंद कर दिया है। धरने की वजह से 60 ट्रेनें डायवर्ट की गई हैं। 220 बसों की आवाजाही रोक दी गई है।
वहीं, कोटा डिवीजन के हिन्डौन सिटी-बयाना के बीच गुर्जर आंदोलन के कारण रेलवे ट्रैक बाधित होने से कई ट्रेनें अपने निर्धारित मार्ग के बजाय परिवर्तित मार्ग से चलाई जा रही हैं। गलहोत सरकार के मंत्री का कहना है कि गुर्जरों की सभी मांगें मान ली गई हैं, इसलिए वो जल्द से जल्द आंदोलन खत्म कर दें।