लापरवाही. शंटिंग के दौरान मालगाड़ी में नहीं था गार्ड वैन
गार्ड का शव दो घंटे फंसा रहा ट्रेन ट्रॉली के नीचे
घटना को लेकर रेलकर्मियों में गुस्सा
कोलकाता. तीन माह पहले जहां लिलुआ वर्कशॉप में वेल्डिंग के दौरान हुई दुर्घटना में एक रेलकर्मी की मौत हो गई थी, वहीं शुक्रवार को एक बार फिर ऐसी ही लापरवाही सामने आयी, जिसकी कीमत एक रेलकर्मी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
उक्त दुर्घटना लिलुआ व बेलूड़मठ स्टेशन के बीच वर्कशॉप के पश्चिम गेट पर हुई. ट्रेन ट्रॉली से लदी एक खुली मालगाड़ी को गार्ड शंटिंग करा रहा था, तभी भारी-भरकम ट्रॉली अपनी जगह से स्लिप कर गयी, जिससे दब कर गार्ड की दर्दनाक मौत हो गयी. उक्त हादसे में जान गंवाने वाले गार्ड का नाम अवधेश सिंह यादव (55) बताया गया है. वे हावड़ा स्टेशन पर तैनात थे. मृतक गार्ड अपने परिवार के साथ हावड़ा के पटुवापाड़ा में रहता था.
दुर्घटना के बाद रेलवे वर्कशॉप व हावड़ा स्टेशन पर हड़कंप मच गया. इसे लेकर रेलकर्मियों में भारी रोष है. हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि दुर्घटना के बाद करीब दो घंटे मृतक का शव वैसे ही मालगाड़ी पर लदी ट्रॉली के बीच फंसा रहा, लेकिन रेलवे की तरफ से वहां कोई नहीं पहुंचा. उल्लेखनीय है कि मालगाड़ी पर लदी ट्रॉलियों को बांधा नहीं गया था, जिससे उसके खिसकने की गुंजाइश बनी हुई थी.
यदि उसे बांधा गया होता, तो गार्ड की इस तरह तड़प-तड़प कर मौत नहीं होती. गई. हादसे के दो घंटे बाद रेलवे की क्रेन घटनास्थल पर पहुंची और किसी तरह से भारी ट्रेन ट्राली को उक्त स्थान से खिसका कर गार्ड के शव को बाहर निकाला गया. घटनास्थल पर पहुंचे मृतक गार्ड के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पोस्टमॉर्टम के बाद शव को शाम सात बजे मृतक के परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया, फिर शव को यादव परिवार के बक्सर स्थित पैतृक निवास के लिए पंजाब मेल से रवाना कर दिया गया.
दुर्घटना में रेलवे की भारी लापरवाही सामने आयी
दुर्घटना में रेलवे की भारी लापरवाही सामने आयी है. जानकारों की मानें तो किसी भी यात्रा या मालवाहक ट्रेन में गार्ड वैन होना अनिवार्य है लेकिन इसकी अनदेखी की गयी. दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी में गार्ड वैन नहीं लगा था. इसकी वजह से गार्ड अवधेश सिंह यादव भारी व्हील ट्रॉली से लदे मालवाहक खुले बोगी पर ही सवार थे और हादसे के शिकार होकर जान गंवा बैठे. यदि वह मालवाहक ट्रेन पर सवार नहीं हुए होते तो शायद उन्हें अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती.
पूर्व रेलवे तृणमूल मेन्स कांग्रेस के स्टेट सेक्रेटरी अजय यादव ने घटना पर दुख जताया और कहा कि उक्त हादसे में रेल अधिकारियों की भारी लापरवाही साफ दिखती है.
रेलवे के नियम के अनुसार किसी भी ट्रेन को बगैर गार्ड वैन के रवाना या फिर शंटिंग नहीं किया जा सकता. इसके अलावा मालगाड़ी पर लदी पहिया ट्रॉलियों को किसी ज़ंजीर या रस्से से बांधा भी नहीं गया था, जिससे हादसा हुआ. दुर्घटना के बाद करीब दो घंटे तक गार्ड का शव ट्रेन ट्रॉली व मालगाड़ी के बीच फंसा रहा. लेकिन उसे निकालने कोई नहीं आया.