गाय की जान के बदले लड़की की जान
मध्यप्रदेश के शिवपुरी में एक भंडारे से नाबालिग लड़की को भगा देने से लड़की इतनी आहत हुई कि उसने खुद को आग के हवाले कर दिया। और 90% तक जल चुकी युवती की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
दरअसल शिवपुरी के मुहारीखुर्द गांव में दुर्गा पूजा का एक भंडारा लगा था जिसमें 17 साल की लड़की चांदनी खाने गई। जानकारी के अनुसार वहां पंडित नाथूराम शास्त्री ने उसे भोजन नहीं करने दिया और फटकार कर भंडारे से बाहर निकाल दिया। जिससे चांदनी इस कदर आहत हो गई कि उसने घर आकर केरोसीन डाल खुद को आग लगा ली।
बता दें मृतक चांदनी के भाई से करीब 4 महीने पहले नाथूराम शास्त्री की गाय की मौत हो गई थी। जिसके बाद से वह चांदनी के परिवार को इसके लिए दोषी ठहरा रहा था और सामाजिक बहिष्कार करने की बात करता था।
चांदनी के परिजनों की मानें तो गाय की मौत के बाद पंचायत बुलाई गई थी। जिसके फैसले के अनुसार उन्होंने पूजा-पाठ, भंडारा और गंगा स्नान भी किया था। लेकिन उसके बावजूद भी नाथूराम ने चांदनी को शापित कहकर भंडारे से भगा दिया।
परिजनों के अनुसार भोज से भगाए जाने के बाद चांदनी रोते हुए घर आई और उदास रहने लगी। चांदनी के पिता का आरोप है कि भागवताचार्य उनसे 21000 रुपए मांगता था। साथ ही उन्हें गांव में प्रवेश न करने की धमकी देता रहा।
हालांकि चांदनी की मौत के बाद पुलिस इस मामले पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।