उत्तराखंड के किसान शुक्रवार को उग्र हो गए और दिल्ली कूच के लिए निकल पड़े। ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर, जसपुर और रुद्रपुर से सैकड़ों किसान दिल्ली के लिए निकल पड़े। इस दौरान रुद्रपुर की रामपुर सीमा पर भारी पुलिस तैनात रही।
जसपुर के हल्दुआ गांव टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान बैरिकेडिंग हटाकर वहां से रवाना हो गए। वहीं काशीपुर में उग्र किसानों ने पुलिस का घेरा तोड़ा और आगे रवाना हो गए। यहां किसानों से पुलिस की तीखी झड़प भी हुई।
ऊधमसिंह नगर जिले में रुद्रपुर, बाजपुर, काशीपुर, जसपुर, सितारगंज, खटीमा, नानकमत्ता, किच्छा आदि जगहों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है और किसानों को दिल्ली जाने से रोकने की कोशिश की जा रही है।
मामले की संवेदनशीलता देखते हुए रुद्रपुर की रामपुर सीमा पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। किसानों को समझाने के लिए एसपी देवेंद्र पींचा रामपुर सीमा पर पहुंचे। वहीं किसान आंदोलन के कारण यहां यूपी और दिल्ली की बस सेवा प्रभावित है।
सैकड़ों किसानों के दिल्ली कूच से जसपुर, काशीपुर और रुद्रपुर में कई बार जाम की स्थिति बन गई। पुलिस रामपुर बॉर्डर पर जिले से बाहर जाने वाले सभी वाहनों के नंबर नोट कर रही है।
आप’ कानूनी लड़ाई में किसानों की करेगी मदद
कृषि बिलों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की कानूनी लड़ाई में आम आदमी पार्टी मदद करेगी। किसान अपने हितों व सम्मान के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेसवार्ता में आप उपाध्यक्ष रजिया बेग और प्रवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि किसानों की स्थिति बहुत ज्यादा दयनीय हो गई है। इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
किसान अपने हितों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र के मंत्री व सांसद किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी कह कर अपमानित कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसानों को देशद्रोही करार दिया जा रहा है।
पार्टी ने फैसला किया है कि जो भी किसान कानूनी लड़ाई लड़ना चाहता है, पार्टी उसकी पूरी मदद करेगी। बेग ने कहा कि केंद्र सरकार कई वार्ताओं के बाद भी किसानों पर कोई फैसला नहीं ले पाई है। जो वाकई में दुर्भाग्यपूर्ण है।