स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर में घोटाले की आशंका, मंडल आयुक्त के आदेश पर जांच शुरू करेगी कमेटी
सहारनपुर घोटाले बेसिक शिक्षा विभाग का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं कस्तूरबा विद्यालय भर्ती घोटाला, फर्नीचर घोटाले के बाद परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर घोटाले का आरोप विभाग पर लगा है बता दें कि जिले में 100 से अधिक स्कूलों में यह प्रोजेक्टर लगाए गए थे ।ज्यादातर स्थानों पर इनका संचालन सुचारू रूप से नहीं हो सका। एक स्कूल के लिए प्रोजेक्टर पर करीब 99 हजार की राशि खर्च की गई थी ।
परिषदीय स्कूलों में घटिया फर्नीचर घोटाले के मामले में दोषियों पर कार्रवाई होने के बाद अब स्मार्ट प्रोजेक्टर में घोटाले का आरोप लगा हैइस मामले में की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की है जिसके बाद कमेटी विभिन्न बिंदुओं पर जांच का काम जल्द ही शुरू करेगी। दरअसल वर्ष 2019 में खनन विभाग से जिले को मिलने वाली राशि करीब 80 लाख तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग को चिन्हित स्कूलों में स्मार्ट प्रोजेक्टर लगवाने के लिए आवंटित की गई थी
प्रत्येक स्कूल पर इस मद से 99000 की राशि खर्च किए जाने का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा करीब 25 स्कूलों में ग्राम शिक्षा निधि से प्रोजेक्टर लगवाए गए थे । जिस पर शिक्षको का कहना है कि लगने के कुछ समय बाद अनेक प्रोजेक्टर ने काम करना बंद कर दिया। वही आरोप है कि खरीद करते समय गुणवत्ता आदि का ध्यान नहीं रखा गया।इस मामले में उर्दू टीचर वेलफेयर एसोसिएशन और विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मंडल आयुक्त संजय कुमार को शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिस पर मंडलायुक्त द्वारा मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है । तीन सदस्यीय कमेटी में एडी बेसिक, एडीएम एफ और एनआईसी के अधिकारी शामिल हैंवही उर्दू टीचर वेलफेयर एसो. सदस्यों की मांग है कि मामले की जांच जल्द पूरी की जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके।वहीं इससे पूर्व कहा शिक्षा के मंदिरों में घोटाला किया जाना बेहद शर्मनाक है।