करवा चौथ का व्रत आज, जानें पूजन विधि
विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का उपवास आज रख रही हैं. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं निर्जला यह व्रत रखती हैं. सूर्योदय के साथ ही व्रत का संकल्प लिया जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है. इसके बाद ही महिलाएं कुछ ग्रहण करती हैं.
आइए आपको इस व्रत का महत्व, पूजन विधि, नियम और शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं.करवा चौथ भगवान गणेश से संबंध रखता है. वैवाहिक जीवन के विघ्ननाश के लिए इस व्रत को रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश, गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है. चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन मैं सुख शांति और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.
एकादशी से लेकर चतुर्थी तिथि तक मन की चंचलता ज्यादा होती है. इस चंचलता के कारण काम भी बिगड़ते हैं और हर काम में बाधा भी आती है. इसलिए इन दिनों को मन और शरीर को शुद्ध रखने के लिए उपवास रखे जाते हैं. चन्द्रमा की किरणों के प्रभाव और उपवास से मन खूब एकाग्र हो जाता है और एकाग्र मन से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार हो जाती है.चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाएं. थाली मैं दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुकुम, रोली और चावल की बनी मिठाई या कोई भी सफेद मिठाई रखें. संपूर्ण श्रृंगार करें और करवे मैं जल भर कर मां गौरी और गणेश की पूजा करें. चंद्रमा के निकलने पर छलनी से या जल में चंद्रमा को देखें. अर्घ्य दें और करवा चौथ व्रत की कथा सुनें.
कथा सुनने के बाद अपने पति की लंबी आयु की कामना करें. श्रृंगार की सामग्री का दान करें और अपनी सासू मां से आशीर्वाद लें. केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है, ऐसी महिलाएं ही ये व्रत रख सकती हैं. इस दिन काले या सफेद वस्त्र धारण न करें. अगर स्वास्थ्य अनुमति नहीं देता तो उपवास न रखें. नींबू पानी पीकर ही उपवास खोलें.मां गौरी को प्रणाम करने के बाद ही श्रृंगार करें. श्रृंगार में सिन्दूर, मंगलसूत्र और बिछिया जरूर पहनें. हाथों पैरों में मेहंदी या आलता लगाए. अगर अर्घ्य देते समय विवाह के समय की चुनरी धारण करें तो अद्भुत परिणाम मिलेंगे.अगर पति पत्नी के बीच में बेवजह झगडा होता हो तो जल में ढेर सारे सफेद फूल डालकर अर्घ्य दें.
अगर पति पत्नी के बीच में प्रेम कम हो रहा है तो जल में सफेद चंदन और पीले फूल डालकर अर्घ्य दें. अगर पति पत्नी के स्वास्थ्य के कारण वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो तो पति-पत्नी एक साथ चन्द्रमा को अर्घ्य दें. जल में जरा सा दूध और अक्षत डालें. अगर नौकरी के कारण या जीवन में किसी अन्य कारण से पति पत्नी के बीच में दूरियां हों तो चन्द्रमा को शंख से जल अर्पित करें. जल में इत्र डालकर अर्घ्य दें.