युद्ध के लिए तैयार हुई चीनी सेना, हाई अलर्ट पर रहने की आदेश
शिवानी शर्मा
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं। जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी मे है। भारतीय सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त की रात पैंगोंग नदी के दक्षिणी किनारे स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई ऊंचाईयो पर कब्जा कर रखा है। जिससे वहा भारतीय सेना की स्थिति काफी मजबूत हो गई है।
भारतीय सेना ने चीनी सेना के जवाब में सीमा पर टैंक और अन्य भारी अस्त्र-शस्त्र उतार दिए। ईंधन हो, भोजन हो या सर्दियों में काम आने वाली चीजें, सभी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
वहीं दूसरी ओर चीन के राष्ट्रपति अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दे दिए। चीन के गुआंगडोंग इलाके में सैन्य अड्डे के दौरे के दौरान शी जिनपिंग ने यह बात कही और सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने और हमेशा हाई अलर्ट की स्थिति में रहने के आदेश दिए।
साउथ चाइना की एक रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग ने अपने बयान मे सैनिको से कहा, आपको अपना दिमाग और पूरी ऊर्जा युद्ध की तैयारी के लिए लगाना चाहिए। साथ ही आपको अपनी ट्रेनिंग मे जंग की तैयारी पर फोकस रखना चाहिए।
आपको बता दे भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की सोमवार को हुई बैठक में कोई भी ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। सिवाय इसके कि दोनों देश बातचीत को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। ताकि एलएसी पर जल्द से जल्द डिसएंगेजमेंट हो सके। लेकिन चीन ने इसी बीच भारत के सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अपनी खीझ उतारी है। करीब 13 घंटे चली बैठक के बाद मंगलवार को दोनों देशों ने साझा प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिम सैक्टर यानी कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर डिसएंगेजमेंट को लेकर काफी गहन विचार विमर्श किया है।