नई दिल्ली।यस बैंक संकट से खाताधारक काफी परेशान हैं। परेशानी के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के सुब्रमण्यम ने राहत वाली बात कही है। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक रिस्क झेलने के काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक तौर पर बैंकों का कैपिटल टू रिस्क असेट रेशियो 8 फीसदी के करीब होता है, जबकि भारत में बैंकों के लिए सीआरएआर 14.3 पर्सेंट के करीब है। इस हिसाब से हमारे बैंकों की रिस्क उठाने की झमता ग्लोबल पैमानों के हिसाब से 80 पर्सेंट ज्यादा है।उन्होंने कहा कि हमारे बैंकों के लिए सेफ्टी मार्जिन बहुत बड़ा है। उनके पास कैपिटल की कमी नहीं है। बात अगर डिपॉजिटर्स के हित की करें तो इस बजट में रिस्क इंश्योरेंस को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। ऐसे में डिपॉजिटर्स को घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। इंडियन बैंकिंग सेक्टर बिल्कुल सुरक्षित हैं और डिपॉजिटर्स का एक-एक रुपया भी।