नई दिल्ली। टी20 फॉर्मेट को आमतौर पर बल्लेबाजों का खेल कहा जाता है। इसमें गेंदबाजों को अपनी क्षमता या कलाकारी दिखाने का सीमित अवसर मिलता है, इसके बावजूद साल 2005 में आधिकारिक रूप से शुरू हुए इस फॉर्मेट में गेंदबाज समय-समय पर अपनी कलाकारी से बल्लेबाजों की चमक फीकी करते रहे हैं। पहला आधिकारिक टी20 मैच 17 फरवरी, 2005 को ऑकलैंड में ऑस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड के बीच खेला गया था। उस मैच में बल्लेबाजों ने अपनी चमक बिखेरते हुए कुल 40 ओवरों में 384 रन बनाए थे लेकिन उसी मैच में ऑस्ट्रेलिया के माइकल कास्प्रोविच ने चार ओवर में 29 रन देकर 4 विकेट लेकर साबित कर दिया था कि क्रिकेट के इस सबसे तेज फॉर्मेट में गेंदबाजों की अहमियत बरकरार रहेगी।इसी तरह का एक मैच रविवार को नागपुर में हुआ, जहां भारत के तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने हैट-ट्रिक के साथ 7 रन देकर छह विकेट लिए। पेसर चाहर ने बल्लेबाजों की चमक फीकी करते हुए ना सिर्फ भारत को बांग्लादेश पर बड़ी जीत दिलाई बल्कि वर्ल्ड रेकॉर्ड भी कायम किया। चहर किसी एक टी20 मैच में सबसे अच्छी गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी बने। दीपक के अलावा श्रीलंका के अजंता मेंडिस (8-6 और 16-6) तथा भारत के युजवेंद्र चहल (25-6) ने ही टी20 में 6 विकेट लिए हैं लेकिन चाहर की कामयाबी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने हैट-ट्रिक के साथ यह सफलता हासिल की और सबसे कम रन देकर छह विकेट हासिल किए।भारतीय पेसर चाहर की कामयाबी शानदार है लेकिन इस फॉर्मेट के 14 साल के इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं, जब गेंदबाजों ने अपने प्रदर्शन से लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर किया है। मेंडिस और चहल के अलावा अफगानिस्तान के राशिद खान का भी नाम इनमें शामिल है। राशिद ने 2017 में ग्रेटर नोएडा में आयरलैंड के खिलाफ दो ओवर में एक मेडन सहित तीन रन देकर पांच विकेट लिए थे। यह हैरान कर देने वाला प्रदर्शन है।टी20 इतिहास में अब तक कुल नौ गेंदबाज ऐसे हुए हैं, जिन्होंने दहाई की संख्या तक पहुंचे बिना विपक्षी टीम के पांच या उससे अधिक खिलाड़ियों को आउट किया है। इनमें चाहर, मेंडिस (दो बार), श्रीलंका के रंगना हेराथ (3-5), राशिद, अर्जेंटीना के पी. अरीघी ( 4-5), पाकिस्तान के उमर गुल (दो मौकों पर 6-5), लक्जमबर्ग के ए, नंदा (6-5), श्रीलंका के दिग्गज पेसर लसिथ मलिंगा (6-5) और नामीबिया के सी. विल्जोन (9-5) शामिल हैं।