मौजूदा विजेता भारत ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में गुरुवार को एकतरफा मुकाबले में बांग्लादेश को नौ विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है, जहां उसकी भिड़ंत रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगी। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी और बांग्लादेश को 50 ओवर खेलने के बाद सात विकेट पर 264 रनों पर सीमित कर दिया। इस लक्ष्य को भारत ने शिखर धवन (46), मैन ऑफ द मैच रोहित शर्मा (नाबाद 123) और विराट कोहली (नाबाद 96) की बेहतरीन पारियों की मदद से 40.1 ओवरों में एक विकेट खोकर हासिल कर लिया।
भारतीय खेल प्रेमियों के लिए रविवार को दिन रोमांचकारी होने वाला है। एक तरफ जहां चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होगा, वहीं इंग्लैंड में ही हॉकी के मैदान में भी इसी दिन यह दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने होंगे। भारत हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स में रविवार को पाकिस्तान से भिड़ेगा।
बांग्लादेश के खिलाफ भारत को लक्ष्य हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं आई। रोहित और धवन की 'चैम्पियंस ट्रॉफी विशेषज्ञ जोड़ी' ने उसे मनमाफिक शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 14.4 ओवरों में 87 रन जोड़े। यह जोड़ी चैम्पियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन जोड़ने वाली जोड़ी बन गई है। इस जोड़ी ने नौ पारियों में अभी तक 85.11 की औसत से 766 रन बनाए हैं।
रोहित ने अपनी शतकीय पारी में 129 गेंदें खेली और 15 चौके तथा एक छक्का लगाया। कप्तान कोहली ने 78 गेंदों की तेजतरार्र पारी खेली और 13 चौके जड़े। इससे पहले भारत की तरफ से जाधव ने छह ओवरों में 22 रन देकर दो अहम विकेट लिए। डेथ ओवरों के विशेषज्ञ बुमराह और भुवनेश्वर ने दो-दो विकेट लिए। इन दोनों की कसी हुई गेंदबाजी के कारण बांग्लादेश की टीम आखिरी के पांच ओवरों में महज 35 रन ही जोड़ पाई। जडेजा को एक सफलता मिली। रविचन्द्रन अश्विन और हाार्दिक पांड्या विकेट नहीं ले पाए।
दूसरी ओर पाकिस्तान का सफर भारत के हाथों हारकर शुरू हुआ था। लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने गजब की रफ्तार पकड़ी और सभी चौंका दिया। उसने अपने दूसरे मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 19 रन से मात दी। उसके बाद श्रीलंका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करके अपना स्थान सेमीफाइनल में पक्का किया था। सेमीफाइनल में उसने इंग्लैंड के सपने को चकनाचूर करके खिताबी मुकाबले में स्थान बनाया।
भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक 128 मुकाबले खेले जा चुके है जिनमें भारत ने सिर्फ 52 मुकाबले जीते है। जबकि उसे 72 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। 4 मैचों का कोई नतीजा नहीं निकला।