सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर किसानों के मुद्दे पर ठोस निर्णय नहीं हुआ तो 30 जनवरी से दिल्ली में किसानों के मुद्दे पर अपने जीवन का अंतिम भूख हड़ताल करेंगे।
अन्ना ने कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान में आमरण अनशन करने की अनुमति देने की मांग की है। अगर रामलीला मैदान में अनशन की अनुमति नहीं मिलेगी तो जहां जगह उपलब्ध होगी वहीं अनशन शुरू करूंगा।
अन्ना ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया है। सरकार बीते तीन साल से किसानों के मुद्दे पर सिर्फ आश्वासन दे रही है। लेकिन अब आश्वासन पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि नए कृषि कानून ‘लोकतांत्रिक मूल्यों’ के अनुरूप नहीं हैं और विधेयकों का मसौदा बनाने में जन भागीदारी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न किसान संगठनों के जारी आंदोलन को लेकर बीते 14 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नेरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर आगाह किया था कि कृषि पर एमएस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों समेत उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने कृषि लागत और मूल्य के लिए आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने की भी मांग की है।