तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक पार्टी के नेताओं ने ‘अम्मा’ की मृत्यु के बाद उनको पुरस्कृत और सम्मानित करने की मांग को तेज कर दी है। इस मांग को लेकर उनके समर्थक कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद अब संसद में यह मामला उठाया है। जयललिता का पांच दिसंबर को निधन हो गया था।
अब भी अन्नाद्रमुक के सांसद अपनी नेता जयललिता की तस्वीर जेब में लिए सदन में नजर आते है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पनीरसेल्वम ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जयललिता को भारत रत्न देने की मांग की थी।
बृहस्पतिवार को एक बार फिर राज्यसभा में शून्य काल में तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सांसद विजेता सत्यानंत ने अपनी दिवंगत नेता जे जयललिता के लिए भारत रत्न की मांग की। वह इस मांग पर ही नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि जयललिता के अमूल्य योगदान को देखते हुए भारत सरकार को उन्हें नोबेल पुरस्कार दिलाने की कोशिश करनी चाहिए।
जयललिता के बारे में बोलते हुए भावुक हो गए सांसद
महिला और बाल कल्याण के क्षेत्र में अम्मा ने बड़े कदम उठाए और अपने सियासी जीवन में कई योजनाएं ऐसी लाई जिससे महिलाओं और बच्चों को एक नया जीवन मिला। उन्होंने कई कल्याण योजनाओं को गिनाया जिसमें अम्मा कैंटीन भी है जो न्यूनतम दर पर खाना उपलब्ध कराती है और छात्रों को निशुल्क लैपटॉप और साइकिल देना भी इसमें शामिल है।
अपने पांच मिनट के संबोधन में अन्नाद्रमुक सांसद बोलते हुए भाव विभोर हो गईं। उन्होंने पीठ पर आसीन उपसभापति पी जे कुरियन से कहा कि भारत सरकार को महान अम्मा की कांस्य प्रतिमा संसद में लगानी चाहिए। गौरतलब है की सदन में गांधी, नेहरू, पटेल, एनटीआर, और एमजीआर समेत देश के अहम महान नेताओं की प्रतिमा लगी हैं।