ब्रिटेन समेत दुनिया भर के 16 देशों में पैर पसार चुका कोरोना वायरस का नया भारत पहुंच गया है. मंगलवार को भारत सरकार ने इस बात की जानकारी दी. यह पिछले कोरोनावायरस स्ट्रेन से ज्यादा संक्रामक है. भारत में UK कोरोनावायरस स्ट्रेन से संक्रमित 6 लोग मिले हैं. यह स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक है. अब यह स्ट्रेन भारत पहुंच चुका है, क्या यह भारत में फैलेगा? पिछले कोरोना वायरस की तुलना में क्या ज्यादा तबाही मचाएगा?
जो 6 लोग नए स्ट्रेन से संक्रमित मिले हैं वो यूके से वापस लौटकर भारत आए थे. सरकार ने यूरोपीय देशों से आने वाली उड़ानों पर अस्थाई रोक लगा रखी है. 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक कुल 33 हजार लोग यूके से भारत के अलग-अलग एयरपोर्ट पर उतरे. इनमें से 114 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले. इनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भारत के 10 अलग-अलग प्रयोगशालाओं में भेजे गए. तब पता चला कि 6 लोगों में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन है.
भारत में इस समय 1.02 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं. 1.47 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है कोरोनावायरस. भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा कम है. साथ ही यहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या भी ज्यादा है. अगर कोरोना के नए स्ट्रेन को अनुकूल परिस्थितियां मिलती हैं तो ये भारी तबाही मचा सकता है. क्योंकि हर जीव का एक जीनोम होता है. यानी हमारे जीन्स का सेट पैटर्न. कई बार इस पैटर्न में बदलाव भी आते हैं लेकिन इंसानों जैसे विकसित जीव इसे ठीक भी कर लेते हैं
वायरस ये इन बदलावों को ठीक करने में कमजोर होते हैं. जिस वायरस में राइबोन्यूक्लिक एसिड यानी आरएनए (RNA) जेनेटिक मटेरियल होता है वो इस मामले में और भी बेकार होते हैं. वो अपने जीनोम में आए बदलावों को ठीक नहीं कर पाते. यह बदलाव स्थाई रह जाता है. इसी को म्यूटेशन कहते हैं. यानी कोरोना के नए स्ट्रेन का मतलब है कोरोना वायरस के जीनोम में बदलाव हुआ है जो वह खुद ठीक नहीं कर सकता. यानी एक और वायरस
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का जो नया स्ट्रेन मिला है, उसका नाम है B.1.1.7. वैज्ञानिकों को शुरूआती जांच में यह पता चला कि म्यूटेशन से बना B.1.1.7 स्ट्रेन अत्यधिक संक्रामक है, लेकिन खतरनाक कम है. इसका मतलब ये नहीं कि यह किसी की जान नहीं ले सकता. इस स्ट्रेन की वजह मरीज को सीने में तेज दर्द होता है. बाकी सारे लक्षण पुराने कोरोना वायरस की तरह ही हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना संक्रमित हर देश अपने यहां मौजूद सभी संक्रमित मरीजों की संख्या का 0.33 फीसदी जीनोम सिक्वेंसिंग कराएगा यानी हर 300 संक्रमित मरीजों में से एक मरीज के वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग. इससे ये पता चलता है कि मरीजों में किस तरह का कोरोनावायरस स्ट्रेन है.