यूपी के उरई में 36 बच्चाें के साथ यौन शोषण मामले की कहानी ब्लैकमेलर को ब्लैकमेल करने की भी है। आरोपी रिटायर लेखपाल रामबिहारी की माडस आपरेंडी हर बार जोखिम उठाने की नहीं थी। वह जिन गरीब बच्चों को पहली बार शिकार बनाता था, उन्हें ही वीडियो दिखा कर लगातार ब्लैकमेल करता था। उसकी ब्लैकमेलिंग से परेशान बच्चों के साथ मिलकर इलाके के कुछ लोगों ने उसे ही ब्लैकमेल करने का प्लान बना डाला।
उन्होंने दो पीडि़त बच्चों से रामबिहारी के घर में चोरी करा दी। एक पेनड्राइव और एक हार्ड डिस्क बच्चे उठा लाए। उसके बाद रामबिहारी से रकम की मांग की गई। पुलिस के मुताबिक चोरी कराने वालों ने उससे 20 लाख रुपए मांगे। हार्डडिस्क और पेनड्राइव वापस पाने को बेताब रामबिहारी उन्हें 15 लाख रुपए देने को तैयार हो गया। लेकिन पीडि़त बच्चों में से एक इसके लिए तैयार नहीं हुआ। इस पर आपस में मारपीट हो गई। मारपीट का एक वीडियो वायरल हो गया। तब पीडि़त बच्चों को लगा कि अब सारा भेद खुलने वाला है। वे मंगलवार की रात पुलिस तक पहुंच गए। जब पुलिस ने वीडियो देखे तो उसके होश उड़ गए। रिपोर्ट दर्ज कर एसपी को सूचना दी गई। तत्काल दबिश मार कर रामबिहारी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक आठ जनवरी को रामबिहारी ने कोतवाली में तहरीर दी थी कि उसके घर से हार्डडिस्क चोरी हो गई है, जिसके कवर में 20 हजार रुपए थे। उसने बताया कि मोहल्ले के तीन लोगों ने दो बच्चों से चोरी कराई है। तहरीर के बाद लेखपाल और चोरी कराने वालों से सौदेबाजी शुरू हुई, जो 20 लाख से शुरू होकर 15 लाख पर तय हो गई थी। बिचौलियों के बीच रकम बंटवारे को लेकर विवाद हो गया और लेखपाल की करतूत उजागर हो गई।
अकड़ की आड़ में छिपाए रहा कुकर्म
हैवान रामबिहारी के कुकृत्यों का अनुमान आसपास के लोगों को भी था, पर उसकी अकड़ की आड़ में सब छिपा रहा। लोग उसके बारे में कुछ कहने से सहमते थे। कोई मुंह खोलने का साहस नहीं जुटाता था। राजनीति में उसके सक्रिय होने से सभी को डर था कि कहीं वो किसी मामले में फंसा न दे। यही वजह रही कि उसके काले कारनामों पर पर्दा पड़ा रहा। सुबह से देर शाम तक उसके घर में कम उम्र के बच्चों का आना-जाना सभी को शंका में डालता था। कभी किसी ने उंगली उठाई तो उस ने अपने रसूख से उन लोगों के मुंह बंद करा दिए। किसी के खिलाफ थाने में झूठी शिकायत करा दी तो किसी को दबंगों से धमकवा दिया। बाद में उसकी मदद का ड्रामा करके उसका दिल जीत लिया।
परिजनों ने खुद को किया नजरबंद
रामबिहारी की करतूत उजागर होते ही उसके परिवार ने खुद को नजरबंद कर लिया है। घर में ही रहने वाला उसका छोटा भाई, उसकी पत्नी और उसकी बड़ी बहन इलाकाई लोगों से नजरें मिलाने से कतराते रहे। मोहल्ले वाले पूछताछ करने लगे तो सभी ने खुद को नजरबंद कर लिया। यशवीर सिंह, एसपी, जालौन बताते हैँ कि हार्ड डिस्क में बहुत से वीडियो क्लिप हैं। अब तक की जांच में आरोपित द्वारा बच्चों की वीडियो क्लिपें बेचने की बात सामने नहीं आई है। छह बच्चों की पहचान की जा चुकी है। जांच जारी है। पूरे घटनाक्रम में कौन-कौन शामिल है? यह सिलसिला कितने दिनों से चल रहा था और क्या चाइल्ड पोर्न वीडियो बेचे भी गए, इसकी गहनता से छानबीन की जा रही है।