• Home
  • >
  • जलती धरती पर सूरज भी तप रहा है
  • Label

जलती धरती पर सूरज भी तप रहा है

CityWeb News
Thursday, 06 April 2017 11:31 AM
Views 2082

Share this on your social media network

रमेश चंद्रा, नैनीताल। धरती के साथ सूर्य पर भी इन दिनों तपिश बढ़ गई है। पिछले दो दिनों में सूर्य पर कई सौर ज्वालाएं उठ चुकी हैं, जबकि दो विशाल सन स्पॉट ग्रुप अभी बने हुए हैं। आकार में यह दोनों पृथ्वी से कई गुना बड़े हैं। इनसे ज्वालाएं उठने की आशंका बनी हुई है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि पिछले कई दिनों से सूर्य के दोनों गोलार्ध में सन स्पाट ग्रुप बने हुए हैं, जिनमें शुक्रवार से सौर ज्वालाएं उठनी शुरू हो गई थीं, जो अभी तक जारी हैं। अभी दो विशाल आकार के ग्रुप उभरे हुए हैं, जो आने वाले दिनों में सौर भभूकाओं में परिवर्तित हो सकती हैं। इनसे निकलने वाले उच्च ऊर्जावान कणों के पृथ्वी की दिशा में आने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल सौर वैज्ञानिकों की नजरें इन पर टिकी हुई हैं। यह 24वां सोलर चक्र है। यह चक्र सोलर मिनिमम कहा जाता है। पिछले लंबे अर्से से सूर्य शांत अवस्था से गुजर रहा था। यह सोलर चक्र वर्ष 2008 से शुरू हो गया था। इसकी अवधि 11 से 14 वर्ष के बीच रह सकती है। इसके बाद सोलर मैक्सिमा का चक्र शुरू होगा।
रमेश चंद्रा, नैनीताल। धरती के साथ सूर्य पर भी इन दिनों तपिश बढ़ गई है। पिछले दो दिनों में सूर्य पर कई सौर ज्वालाएं उठ चुकी हैं, जबकि दो विशाल सन स्पॉट ग्रुप अभी बने हुए हैं। आकार में यह दोनों पृथ्वी से कई गुना बड़े हैं। इनसे ज्वालाएं उठने की आशंका बनी हुई है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि पिछले कई दिनों से सूर्य के दोनों गोलार्ध में सन स्पाट ग्रुप बने हुए हैं, जिनमें शुक्रवार से सौर ज्वालाएं उठनी शुरू हो गई थीं, जो अभी तक जारी हैं। अभी दो विशाल आकार के ग्रुप उभरे हुए हैं, जो आने वाले दिनों में सौर भभूकाओं में परिवर्तित हो सकती हैं। इनसे निकलने वाले उच्च ऊर्जावान कणों के पृथ्वी की दिशा में आने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बहरहाल सौर वैज्ञानिकों की नजरें इन पर टिकी हुई हैं। यह 24वां सोलर चक्र है। यह चक्र सोलर मिनिमम कहा जाता है। पिछले लंबे अर्से से सूर्य शांत अवस्था से गुजर रहा था। यह सोलर चक्र वर्ष 2008 से शुरू हो गया था। इसकी अवधि 11 से 14 वर्ष के बीच रह सकती है। इसके बाद सोलर मैक्सिमा का चक्र शुरू होगा।
उपकरणों के लिए खतरनाक हैं सौर कण सौर ज्वालाओं से निकलने वाले उच्च उर्जावान कण इलेक्ट्रॉनिक व इलेक्टि्रकल उपकरणों के लिए बेहद खतरनाक हैं। उन्हें भारी क्षति पहुंचा सकते हैं। अंतरिक्ष में विचरते हमारे सेटेलाइट को भी इनसे बड़ा खतरा रहता है। जिस कारण सूर्य की प्रत्येक गतिविधि पर दुनियाभर के सौर वैज्ञानिकों की नजरें हमेशा लगी रहती हैं। ध्रुवीय क्षेत्र में मनमोहक अरोरा का कारण भी यही सूर्य से निकलने वाले ऊर्जावान कण नुकसानदायक हैं लेकिन ये हमारे ध्रुवीय क्षेत्रों में आकर्षक नजारा भी प्रदान करते हैं। धु्रवीय क्षेत्रों से टकराने के बाद रंग बिरंगे अरोरा बनाते हैं, जो बेहद मनमोहक होते हैं। जिन्हे देखने के लिए दुनियाभर से लोग ध्रुवीय क्षेत्रों में पहुंचते हैं।

ताज़ा वीडियो


Top 5 News: अब तक की 5 बड़ी ख़बरें
PM Narendra Modi Rally in Saharanpur
Ratio and Proportion (Part-1)
Launching of Cityweb Newspaper in saharanpur
ग्रेटर नोएडा दादरी में विरोध प्रदर्शन - जाम
More +
Copyright © 2010-16 All rights reserved by: City Web